google-site-verification=4oIbGmbYYYBPv3EGG-Df9aZrg3wgigfqgFwdIkp0OMA चाइना ने खड़े किये बॉर्डर पर हजारो सैनिक! जानते हें इसके पीछे की hongkong कहानी... (2/2)

चाइना ने खड़े किये बॉर्डर पर हजारो सैनिक! जानते हें इसके पीछे की hongkong कहानी... (2/2)

चाइना ने खड़े किये बॉर्डर पर हजारो सैनिक! जानते हें इसके पीछे की hongkong कहानी
चाइना ने खड़े किये बॉर्डर पर हजारो सैनिक! जानते हें इसके पीछे की hongkong कहानी

दुनियाभर में आज के समय में कोरोना वायरस तेजी से फेल रहा है। इसकी वजह से पूरी दुनियाभर में ३,५०००० से अधिक लोग मर चुके है। जिसकी वजह चीन को बताया जा रहा है, क्युकी सारे देशो का कहना है की चाइना ने इस covid -19 pandemic को ठीक से हैंडल नहीं किया जिसकी वजह से सारी दुनिया इसका ख़ामियाजा भुगत रही है।  ऐसे समय में कोई भी देश विनम्रता दिखाता पर इसके विपरीत चाइना करते दिख रहा है। दुनिया को जो तकलीफ हो रही है उसकी वजह से चीन को माफ़ी मांगनी चाहिए पर उन्होंने ऐसा कुछ न करना उचित समजा, ऊपर से वो अब और भी अग्रेसिव होते जा रहा है।

चाइना की तरफ से  National  Anthem Bill की तैयारी 

इसका ताजा उदाहरण है हॉंगकॉंग , चाइना के कम्युनिस्ट पार्टी का पूरा फोकस हॉंगकॉंग जैसे कंट्री पर है, जो की चाइना की ही औटोनॉमस रीजन है। इस समय चाइना ने हॉंगकॉंग में नेशनल एंथम बिल (National  Anthem Bill) पेश किया है। इस बिल की तहत अब कोई भी हॉंगकॉंग की व्यक्ति अगर चाइना के एंथम (राष्ट्रगान) का अपमान करती है तो उसे सीधा जेल हो सकती है या जुर्माना भी लग सकता है। इस बिल के पारित होने पर हॉंगकॉंग में चाइना के एंथम का अपमान करना देशद्रोह माना जायेगा। वैसे तो हॉंगकॉंग चीन का ही एक औटोनॉमस रीजन है पर चीन ऐसा कोई भी लॉ (कानून) हॉंगकॉंग पर लादनें की फ़ोर्स नहीं कर सकता। इस बिल के विरोध में आने वाले समय में आपको हॉंगकॉंग में कही सारे जगहो पर प्रदर्शन दिख सकते है। इस जैसे बिलो की मदत से चाइना हॉंगकॉंग की (स्वायत्ता) ख़तम करना चाहती है।(होंगकोंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करे) पर चाइना ऐसा क्यों कर रही है?? जो की पहले से इस pandemic की वजह उनका नाम पूरी दुनिया में ख़राब हो रहा है और दुनिया का गुस्सा उनपर फुट रहा है!

चाइना की तरफ से  National  Anthem Bill की तैयारी
शी-जिनपिंग

इसी बिच चाइना के प्रधानमंत्री शी-जिनपिंग का एक बयांन सामने आया  "Great historial progress always hapens after major disasters"  इसका मतलब यह है की, दुनिया में जितने भी बड़े-बड़े निर्णय लिए गए है वह सब ऐसी ही बड़ी घटनाओ के बाद लिए जा चुके है। इसका अर्थ यह है की चाइना इस कोरोना वायरस के डिजास्टर के समय कुछ बड़ा निर्णय लेने की सोच रहा हैं। 
२०१८ के एक बिल में संशोधन करने के बाद शी-जिनपिंग ने अपने आप को चाइना का आजीवावन प्रधानमंत्री घोषित किया, जिसके की उनकी ही पार्टी के कुछ लीडर्स और जनता इससे नाराज हुई और इसका विरोध दर्शाने लगे हलाकि चाइना के सरकार के खिलाफ कोई आवाज उठा नहीं सकता पर कोरोना के चलते सरकार की वजह से पूरी दुनिया में चीन की छवी जो ख़राब हो रही है, ऊस वजह से उनकेही देश के लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे। चाइना की जनता का शी-जिनपिंग की सरकार पर से भरोसा उठ रहा है, वो सब मानते है की गवर्मेन्ट ने इस कोरोना वायरस के समय की परिस्थिति को ठीक से हैंडल नहीं किया।
शी-जिनपिंग को अपने लोंगो का भरोसा फिरसे जितना है, वो सब करने के लिए उन्होंने हॉंगकॉंग को निशाना बनाया जा रहा। हॉंगकॉंग की ऑटोनामी ख़तम करना और आस-पास के देशो को जैसे की भारत को परेशान करना उन्होंने चालू किया, इस सब की वजह उन्हें अपनी पॉवर दुनिया को दिखानी है। 

पर इस समय इंडिया ही क्यों? भारत के बॉर्डर के करीब आर्मी क्यों भेजी जा रही है?? 

१९६२ के युद्ध के बाद चीन ने तिबेट जैसे पहाड़ी इलाकों में इन्फ्रास्ट्रचर खड़ा किया, वहा पर नई सड़के बनाई , रेल्वे लाइन बिछाई, इंडिया के बॉर्डर के करीब एयरस्पेस बनाये इसके विपरीत भारत उस समय ज्यादा कुछ कर न सका। पर पिछले कुछ सालो से भारत ने बॉर्डर के करीब बहुत ज्यादा डेवलपमेन्ट करना चालू किया। करीब ७५% सड़के बनाई, नए ब्रिजेस बनाये, रेल्वे  की लाइने बिछाई। ये सारी प्रोग्रेस देखकर चाइना नर्वेस हो रहा है।  इन सबकी मदत से आने वाले समय में अगर हमें चाइना के खिलाफ कुछ एक्शन लेना पड़ता है तो हम रॅपीडली बॉर्डर के करीब कुछ भी ले जा सकते है और हमें इसी तरह की एडवान्टेज मिलती है। 
दूसरा कारन यह है की चाइना जो बिल हॉंगकॉंग में पारित करने जा रहा है, उसपर इंडिया कुछ न बोले और न कोई स्टेटमेंट दे। उन्होंने पहले वर्बली ही इंडिया से कहा है आप इस बिल पर हमें समर्थन दे। हालांकि जो स्क्वाड़ ग्रुप है जिसमे इंडिया के अलावा जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया है इनके तरफ से कहा जा सकता है की आप इस मुद्दे पर इंटरनॅशनली आवाज उठाइये। इसी सब वजह से चीन अपनी आर्मी इनक्रीस करकर इंडिया पर दबाव बढ़ाना चाहता है की यह हमारा इंटरनल मैटर है आप इसपर कुछ न बोले। चाइना सिर्फ हॉंगकॉंग में यह बिल पारित करना चाहता है जिसे की शी-जिनपिंग की प्रतिमा अपने लोंगो में बढ़ सके और इंडिया इस बिल के फेवर में ज्यादा कुछ कर ना सके।आने वाले दिनों में अमेरिका इस बिल का इंटरनॅशनली विरोध करने वाला है और देखना होगा की इंडिया आगे क्या करेगा। (2/2)(1/2 पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे)




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