google-site-verification=4oIbGmbYYYBPv3EGG-Df9aZrg3wgigfqgFwdIkp0OMA DEPRESSION KYA HAI कैसे पता चलता है डिप्रेशन के बारे में

DEPRESSION KYA HAI कैसे पता चलता है डिप्रेशन के बारे में


DEPRESSION KYA HAI
DEPRESSION KYA HAI

हम देख रहे है की, जैसे-जैसे लोगोकी इच्छाये बढ़ती जा रही है वैसे ही उनकी दुःख और चिंताए भी बढ़ रहे है। INDIA में हर बीस मेसे एक व्यक्ति DEPRESSION का शिकार बनते जा रहा है। पर इस बात को कोई मानता नहीं की हमें DEPRESSION हो गया है, क्योंकि लोंगो में DEPRESSION के बारे में बहुत बड़ी कन्फ्युजन है की DEPRESSION एक बड़ी बीमारी है? क्या यह हमारे शरीर को हानि पहुँचाती है? क्या सच में DEPRESSION जैसी कोई चीज है? DEPRESSION क्या है? ऐसे कही तरह के सवाल हमें सोच में डाल देते है।

DEPRESSION KYA HOTA HAI? 

सबसे पहले हमें यह समझ लेना चाहिए की DEPRESSION एक दिमागी बीमारी है, इसलिए कही लोग इसे समज ही नहीं पाते है. दुःखी होना और DEPRESSION को फेस करना यह दोनो अलग-अलग चीज है। कुछ लोग दुःखी होने को ही DEPRESSION मानने लगते है। 
  •   स्कूल में कोई टीचर आपको डाट दे।
  • ऑफिस में काम करने पर बॉस की बाते सुनना।
  • अच्छे मार्क्स नहीं मिलाना।
  • प्यार में धोखा मिलना या हमारा दिल टूट जाना। 
ऐसी ही कई कारणोंसे हमें दुःख का एहसास होता है, पर हम इसे ही DEPRESSION मान बैठते है। पर ऐसा बार-बार होने से हमारे दिमाग में STRESS HARMONE जिसे CORTISOL कहते है,वह बढ़ जाता है और उसके विपरीत जिसे हमें MOTIVATION मिलती है वह DOPAMINE HARMONE धीरे-धीरे हमारे शरीर से कम होने लग जाते है. इन सबके अलावा, एक और क्रिया इनके साथ होती है, हमें जिस वजह से ख़ुशी का अहसास होता है वह SEROTONIN HARMONE भी कम होने लगता है, इसकी वजह से हमें खुशी का भी अहसास कम होने लग जाता है। 
DEPRESSION KYA HOTA HAI?
Depression kya hota hai?


इन्ही सब वजह से हमारे दिमाग में NEUROCHEMICAL IMBALANCE होने लगता है। इसके वजह से हमें STRSS बढ़ने का आभास होता है और हम कम ख़ुशी को महसूस करते है। यही सब DEPRESSION की शुरुआत होती है। 

DEPRESSION KA PATA KAISE LAGTA HAI?


आप निचे दी गए SYMPTONS से DEPRESSION का पता लगा सकते है। 
  1. कोई चीज करना आपको पसंद है या अच्छी लगती है पर फिर भी आपको वो करने में मन न लगता हो। (उदा. Painting करना, Dance करना या गाने गाना जैसे काम)
  2. या फिर किसी भी थोडीसी बात पर जल्दी गुस्सा आना या नाराज हो जाना
  3. हर टाइम आपको थकावट महसूस होंगी, कोई भी काम करने का मन नहीं करेगा
  4. सबसे अच्छा SYMPTOMS है,की ज्यादा सोना या बहुत कम नींद आना। 
  5. ज्यादा DEPRESS होने पर आत्महत्या का खयाल आना
अगर आपको ये SYMTONS दिखाई दे तो आप समज सकते है, की PSYCHIATRIC GUIDLINES के मुताबिक आपको DEPRESSION है। आप इन सब बातो को ध्यान से समझ गए तो आप इन सभी को अच्छी तरह के HANDDLE कर सकते है, और इससे सहीसलामत बहार आ सकते है। 

DEPRESSION KA ILAAJ KYA HAI?

तो आम तौर पर डॉक्टर आपको इसके ऊपर कुछ दवाइयाँ देते है, जैसे हमने पहले ही बताया था की SEROTONIN HARMONE जिसकी वजह से ख़ुशी कम होती है, वो HARMONE बढ़ने लगते है दवाई लेने से, और हमें अच्छा महसूस होने लगता है. लेकिन यह दवाइयाँ ज्यादा लेने से हमारे दिमाग में और भी अलग काम करने वाले FUNCTIONS होते है, उनमें कुछ समय के बाद WEAKNESS आने लगती है और कई MENTAL समस्या का सामना करना पढ़ सकता है। 

स्टडी से पता चला है की, दवाइयों के साथ ही जो लोग अच्छा DAET(खाना) बहुत ही ठीक तरह से लेते है, जिसके कारण उनके शरीर को सारे NEAUTRITION मिलते रहे, रोज EXRCISE करना, अच्छी नींद लेना जिससे की NATURALY दिमाग में SEROTONIN HARMONE बढ़ने लगते है, और दिमाग के हिस्से पहले जैसे होने लगते है, इसकी वजह से उन्हें अच्छा महसूस करने लगता है और MOOD IMPROVES होने में मदत मिलती है।
अगर कोई अपने मन में दुःख न रखकर लोंगो से बात करकर उसे शेयर करते है और सलाह लेते है, तो उससे उनका मन हल्का हो जाता है।

DEPRESSION होना आपके GENE के ऊपर भी निर्भय करता है। अगर आपके माता-पिता या परिवार में किसी को DEPRESSION है, तो उनके GENE के चलते आपको भी यह अनुवांशिक तरीके से मिल सकता है। 

दीपिका पादुकोण : Live, Laugh, Love Foundation

दीपिका पादुकोण  Live, Laugh, Love Foundation
दीपिका पादुकोण : Live, Laugh, Love Foundation

२०१४ के साल में बॉलीवुड की मशहूर हीरोइन दीपिका पादुकोण भी DEPRESSION की शिकार हो चुकी है कोई मशहूर पर्सन होता है तो वह दुनिया हमारे बारे में क्या सोंचेंगी ऐसे किसी डर के वजह से अपनी कोई समस्या सबको नहीं बताते, पर दीपिका ने सबके सामने आकर उसने DEPRESSION की समस्या बारे में हिम्मत दिखाई और इस विषय पर अपने विचार खुलकर सबके सामने रखे

दीपिका ने कहा की, उसकी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, वो सारा समय फिल्म की शूटिंग में व्यस्थ रहती थी।मुझे मेरे काम के लिए सराहा जा रहा था, में उस समय HAPPY NEW YEAR फिल्म में काम कर रही थी ऊपर से तो सब नॉर्मल लग रहा किसी बात की कोई समस्या नहीं थी पर अंदर से मुझे खालीपन महसूस होता था. एक सुबह, मैं जब उठी अलग महसूस कर रहा थी। एक दिन में थकावट के कारण बेहोश हो गयी थी; वहाँ से सब की शुरुआत हुई थी.  मुझे अपने पेट में एक अजीब सा खालीपन महसूस हुआ। मुझे शुरू-शुरू में लगा कि यह सब तनाव के कारण हो रहा है, इसलिए मैंने काम पर ध्यान केंद्रित करके खुद को बिजी करने की कोशिश की, और खुद को लोगों के साथ घेर लिया, जिससे थोड़ी देर के लिए मदद मिली। लेकिन घिनौनी भावना दूर नहीं हुई। मुझे घुटन सी होती थी , मैं एकाग्रता की कमी से पीड़ित थी और मैं अक्सर टूट जाती थी । समय के साथ, यह खराब होते गया।

में मुंबई जैसे शहर में अकेली रहती हूँ, किसीसे अपनी बात कह नहीं सकती थी। फिर, एक बार मेरी माँ उज्वला  पादुकोण मुझे बैंगलोर से मिलने आई थी, माँ के साथ बात करते समय, मैं टूट गयी और उनके सामने रोने लगी, उसे मेरी DEPRESSION की समस्या का एहसास हुआ, और फिर उन्होंने उनकी एक मनोवैज्ञानिक मित्र, अन्ना चांडी के इसके ऊपर बात की , ताकि वह इस जड़ तक पहुँच सके। इसके साथ मेरा बैंगलोर में मनोवैज्ञानिक डॉ. श्याम भट्ट से मिलकर इलाज चालू हो गया और में DEPRESSION जैसी बीमारी से ठीक होकर बाहर निकल सकी।

DEPRESSION से बाहर आने पर दीपिका ने केवल इसे अपने आप तक सिमित न रखकर अपनी कहानी दुनिया के सामने रखी, ताकि इससे औरोंको भी फायदा पहुँच सके जो की ऐसी हालत का सामना कर सके और उन्हें ठीक से इलाज मिल सके, ये सब काम करने के लिए एक संस्था Live, Laugh, Love Foundation  है जो की FIGHT AGAINST DEPRESSION यह मूवमेंट चलाते है, इनके साथ दीपिका जुड़ चुकी है और अपनी आवाज को दुनिया तक पंहुचा रही है। 


World Health Organization: WHO

तो DEPRESSION होना कोई बीमारी होने जैसा ही है। कही बार तो उससे ज्यादा भी है, क्योंकि आपको बीमार होने के बावजूद भी लोंगो की बाते सुननी पड़ती है, उन्हें लगता है आप झूट बोल रहे हो, बहाने बना रहे हो; वो आपको ठीक से समज नहीं पाते है। इसलिए DEPRESSION से बाहर निकलने के लिए आपको MEDICAL TREATMENT लेने की अवश्यकता होती है, पर कुछ लोग इसको मानते नहीं या इसका इलाज कराना नहीं चाहते, वह इससे बचने के लिए शराब, ड्रग्स, सिगरेट या शॉपिंग जैसी चीजे ज्यादा करने लगते है, क्यूंकि ऐसा करने से उन्हें दुख और तनाव जैसे स्थितियों में ख़ुशी और राहत थोड़े समय के लिए मिलती है। वह लोग DEPRESSION के बाहर निकलने के बजाय इसमें और गहरे चले जाते है। 

Word Helth organization के रिपोर्ट २०१५ में कुल ७,८८,००० लोंगो ने सिर्फ DEPRESSION की वजह से आत्महत्या की है। यह पूरी दुनिया में दूसरा कारण है, की १५ साल की उम्र से लेकर २९ साल के उम्र तक के लोंगो की मौत का, क्योंकि हर ४० सेकंद में कोई न कोई आत्महत्या करता है।

DEPRESSION जैसे विषय पर हमलोगोंको और भी ज्यादा रिसर्च की जरुरत है, क्युकी आने वाले समय में यह और भी बढ़ेगा। लोगोंको इस बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा पता चले और इसका ठीक से इलाज हो सके इसके लिए आगे सबको आने की जरुरत है। 



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